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    ट्रंप-पुतिन में आज ग्रैंड वार्ताः सिक्योरिटी में आंखें गड़ाए दोनों देश, रूस ने अलास्का की सरहद पर तैनात किए फाइटर जेट

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 03:22 PM (IST)

    अगस्त 15 2025 को अलास्का के बर्फीले इलाके में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात हो रही है। आइस फोर्ट्रेस कहे जाने वाले एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य बेस पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात उत्तरी सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता के मुद्दों पर केंद्रित होगी।

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    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात हो रही है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 15 अगस्त 2025 को अलास्का के बर्फीले इलाके में दुनिया की निगाहें टिकी हैं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात हो रही है।

    यह मुलाकात अलास्का के एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य बेस पर हो रही है, जिसे 'आइस फोर्ट्रेस' के नाम से जाना जाता है।

    इस बेस को 32 हजार अमेरिकी सैनिकों ने छावनी में बदल दिया है, जबकि सैटेलाइट्स और साइबर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रूस ने भी अपनी ताकत दिखाते हुए 88 किमी दूर आनादिर में फाइटर जेट तैनात किए हैं।

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    एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन बेस शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ पर नजर रखने का केंद्र था। इस बेस पर अमेरिकी वायुसेना, सेना, मरीन कॉप्स और रिजर्व यूनिट्स की मौजूदगी इसे बेहद सुरक्षित बनाती है। ट्रंप और पुतिन के बीच यह वन-टू-वन मुलाकात उत्तरी सुरक्षा और वैश्विक स्थिरता के मुद्दों पर केंद्रित होगी।

    सुरक्षा के कड़े इंतजाम, नो-फ्लाई जोन और सैटेलाइट निगरानी

    अमेरिका ने इस मुलाकात को 'रेड जोन प्रोटोकॉल' के तहत करारा जवाब देने की तैयारी की है। बेस के 300 किमी के दायरे में नो-फ्लाई जोन लागू है। सैन्य पुलिस, नेशनल गार्ड, स्पेशल फोर्सेज और सीक्रेट सर्विस की काउंटर-असॉल्ट टीमें दोहरी सुरक्षा घेरा बनाए हुए हैं।

    ट्रंप का एअर फोर्स वन विमान फुल-टाइम सैन्य निगरानी में है। दूसरी ओर, पुतिन की सुरक्षा के लिए उनकी फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस (एफएसओ) यूनिट तैनात है। उनकी बख्तरबंद लिमोजिन 'ऑरस सेनट' पहले ही रूसी कार्गो विमान से बेस पर पहुंच चुकी है।

    यहां तक कि मुलाकात में इस्तेमाल होने वाले पानी की बोतलें और कप भी पुतिन की टीम ने सील किए हैं, ताकि कोई जोखिम न रहे। बर्फीली आंधी की आशंका को देखते हुए हेलीकॉप्टर बैकअप रूट और आइस रनवे तैयार किए गए हैं। ग्रिजली भालुओं के खतरे को ध्यान में रखते हुए पैदल गश्ती दस्ते भी तैनात हैं।

    पुतिन की हो सकती है गिरफ्तारी?

    अलास्का का भौगोलिक क्षेत्र भी इस मुलाकात को और खास बनाता है। यह रूस से महज 55 किमी दूर है, जो पुतिन की सुरक्षा के लिए मुफीद है। 2023 में यूक्रेन युद्ध को लेकर इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन अमेरिका और रूस आईसीसी के सदस्य नहीं हैं। लिहाजा, पुतिन को यहां कोई कानूनी खतरा नहीं है।

    अमेरिका ने साइबर खतरों से निपटने के लिए बेस के नेटवर्क को इंटरनेट से पूरी तरह काट दिया है। कीहोल (केएच-11) रीकॉन सैटेलाइट्स हर पल नजर रख रहे हैं। रूस ने भी जवाबी तैनाती के तौर पर आनादिर में अपने फाइटर जेट्स तैनात किए हैं, जो बेस से 88 किमी की दूरी पर हैं।

    54 साल पहले की ऐतिहासिक मेजबानी

    यह पहली बार नहीं है जब एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन बेस वैश्विक सियासत का साक्षी बना है। 1971 में यहीं पर अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और जापान के राजा हिरोहितो की मुलाकात हुई थी। यह वह मौका था जब कोई जापानी राजा पहली बार विदेशी धरती पर कदम रखा था। आज, 54 साल बाद यह बेस फिर से इतिहास रचने को तैयार है।

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