रूसी सेना ने तेज किए हमले, यूक्रेन के पावर प्लांटों को बनाया निशाना; 60 हजार लोग अंधेरे में रहने को मजबूर
रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों और यातायात सुविधाओं पर हमले तेज कर दिए हैं जिससे 60 हजार लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। यूक्रेन भी रूस के तेलशोधक कारखानों को निशाना बना रहा है। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन रूस के भीतर हमले करने के लिए तैयार है। रूस का सबसे शक्तिशाली हमला ओडेसा के नजदीक कोर्नोमोस्क शहर पर हुआ जिससे भारी नुकसान हुआ।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूक्रेन में ठंडक के मौसम से पहले रूस ने वहां के ऊर्जा संयंत्रों और यातायात सुविधाओं पर हमले तेज कर दिए हैं। रविवार को यूक्रेन के उत्तरी और दक्षिणी भागों पर रूस ने ड्रोन हमले किए। इन हमलों के चलते 60 हजार लोगों को अंधेरे में रहने को मजबूर होना पड़ा रहा है। जवाब में यूक्रेन रूस के तेलशोधक कारखानों, पाइपलाइन और बंदरगाहों को निशाना बना रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने एक्स पर कहा है कि यूक्रेन के बचाव के लिए हम लगातार सक्रिय हैं। हम रूस के और भीतर जाकर हमले करने के लिए तैयार हो रहे हैं। रूस का सबसे शक्तिशाली हमला बंदरगाह शहर ओडेसा के नजदीक कोर्नोमोस्क शहर पर हुआ है। यहां पर ऊर्जा संयंत्रों, सरकारी और रिहायशी इमारतों को भारी नुकसान हुआ है। वहां पर आवश्यक सुविधाओं को जारी रखने के लिए जेनरेटर की मदद ली जा रही है।
चर्निहीव शहर पर रूस का ड्रोन से हमला
कोर्नोमोस्क शहर के तट पर बंदरगाह है और उसके जरिये यूक्रेन व्यापार करता है। रूस ने चर्निहीव शहर पर भी ड्रोन से हमला किया। यहां पर भी ऊर्जा संयंत्र को नुकसान हुआ है। यूक्रेन वायुसेना ने बताया है कि रूस ने 142 ड्रोन से यूक्रेन पर हमला किया था लेकिन इनमें से ज्यादातर को आकाश में ही नष्ट कर दिया गया।
यूक्रेन की 3,500 वर्ग किलोमीटर जमीन पर रूस का कब्जा
रूसी सेनाओं के प्रमुख वालेरी गेरोसिमोव ने बताया है कि बीते पांच महीनों में रूसी सेना ने यूक्रेन की 3,500 वर्ग किलोमीटर जमीन को अपने नियंत्रण में लिया है। इस भूमि पर 149 गांव स्थित हैं। जबकि यूक्रेनी सेना ने कहा है कि रूसी सेना साढ़े तीन वर्षों से लगातार हमलों के बावजूद अभी तक एक भी बड़ा शहर नहीं जीत सकी है।
यूक्रेन के साथ शांति वार्ता का इच्छुक रूस
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ शांति वार्ता का इच्छुक है लेकिन वह व्यवस्थित तरीके से होनी चाहिए। कहा, अभी तक की गतिविधियों से लग रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यूक्रेन में शांति की कोशिश को यूरोपीय देश नाकाम कर रहे हैं और यूक्रेन को भड़काकर क्षेत्र में शांति स्थापित नहीं होने दे रहे हैं।
(समाचार एजेंसी रॉयटर्स के इनपुट के साथ)
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