'ऐसे तो दुनिया में हथियार...', ट्रंप के परमाणु परीक्षण के निर्देश पर क्या बोला रूस?
रूस ने अमेरिका से राष्ट्रपति ट्रंप के परमाणु परीक्षण शुरू करने के निर्देश पर स्पष्टीकरण मांगा है। रूस का कहना है कि यह परमाणु हथियारों के परीक्षण को लेकर विरोधाभासी संकेत है, जिससे विश्व में नकारात्मक वातावरण बन सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे परमाणु हथियारों की दौड़ फिर से शुरू हो सकती है, जिससे वैश्विक अनिश्चितता बढ़ेगी।
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रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस ने कहा है कि परमाणु परीक्षण शुरू करने संबंधी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के निर्देश को अमेरिका स्पष्ट करे। यह परमाणु हथियारों के परीक्षण को लेकर विरोधाभासी संकेत है। अमेरिका के परीक्षण शुरू करने से रूस और अन्य देशों को भी उसी दिशा में आगे बढ़ना पड़ सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले हफ्ते अमेरिकी सेना को परमाणु हथियारों के परीक्षण तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए थे। लेकिन उस निर्देश में यह स्पष्ट नहीं था कि अमेरिकी सेना को परमाणु हथियारों को ले जाने वाली मिसाइलों के परीक्षण के निर्देश दिए गए हैं या विस्फोट कर नए परमाणु हथियारों के विकास के लिए कहा गया है।
रूस ने क्या कहा?
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने अगर नए परमाणु हथियारों के विकास के लिए निर्देश दिया है तो उससे विश्व में फिर से नकारात्मक वातावरण बनेगा। इसके बाद अन्य देश भी नई क्षमताओं वाले परमाणु हथियार विकसित करने की कोशिश में लग जाएंगे और विश्व में परमाणु हथियारों के लिए फिर से दौड़ शुरू हो जाएगी।
प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका से मिले ताजा संकेतों के बाद विश्व में चिंता बढ़ गई है। यह अमेरिका के पूर्व के रुख का विरोधाभासी है। इसलिए अपने परीक्षणों को लेकर अमेरिका को अविलंब सही स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। विदित हो कि अमेरिकी योजना के स्पष्ट न होने से बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उच्चस्तरीय बैठक कर नए परमाणु परीक्षणों की तैयारी करने के निर्देश दिए थे जिससे अमेरिका को परमाणु परीक्षणों का जवाब दिया जा सके।
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का क्या मानना है?
सुरक्षा मामलों के विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और रूस के परमाणु परीक्षण शुरू करने से विश्व में परमाणु हथियारों की दौड़ फिर से तेज हो जाएगी और इससे वैश्विक अनिश्चितता में बढ़ोतरी होगी। रूस के पास विश्व में सबसे ज्यादा करीब छह हजार परमाणु हथियार हैं जबकि उससे कुछ कम अमेरिका के पास हैं।
परमाणु हथियारों की संख्या न बढ़ाने का दोनों देशों का समझौता तीन महीने में खत्म होने वाला है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने इस समझौते को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उसका औपचारिक उत्तर नहीं दिया है।

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