'यूक्रेन का नेतृत्व अवैध, उसके साथ बातचीत अर्थहीन', पुतिन के बयान से शांति समझौते पर लटकने लगी तलवार
किर्गिस्तान पहुंचे पुतिन ने कहा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की देश में चुनाव कराने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर अपनी वैधता खो चुके हैं। राष्ट्रपति पद का उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है, इसलिए उनका यूक्रेन के नेतृत्व का दावा अवैध है। ऐसे में जेलेंस्की के साथ कोई समझौता करना असंभव होगा। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय सही स्थिति के बारे में निर्णय ले।

'यूक्रेन का नेतृत्व अवैध, उसके साथ बातचीत होगी अर्थहीन', पुतिन (फोटो- रॉयटर)
रॉयटर, बिश्केक। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन का वर्तमान नेतृत्व अवैध है और उसके साथ किसी समझौते पर हस्ताक्षर करना अर्थहीन होगा। पुतिन के इस बयान से युद्ध खत्म करने को लेकर रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौते की कोशिश पर खतरे की तलवार लटकने लगी है।
मॉस्को आने वाले हैं ट्रंप के दूत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 28 सूत्री शांति योजना बनाकर युद्ध खत्म कराने की रूपरेखा बनाई है और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए उनके दूत स्टीव विटकॉफ अगले सप्ताह मॉस्को आने वाले हैं।
किर्गिस्तान पहुंचे पुतिन
किर्गिस्तान पहुंचे पुतिन ने कहा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की देश में चुनाव कराने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर अपनी वैधता खो चुके हैं। राष्ट्रपति पद का उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है, इसलिए उनका यूक्रेन के नेतृत्व का दावा अवैध है। ऐसे में जेलेंस्की के साथ कोई समझौता करना असंभव होगा। इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय सही स्थिति के बारे में निर्णय ले।
विदित हो कि रूस के हमले के बाद से यूक्रेन में मार्शल लॉ लागू है और इसी के चलते वहां पर चुनाव नहीं हुए हैं। पुतिन ने कहा, अमेरिका और यूक्रेन की शांति योजना में विचार योग्य बातें हैं और भविष्य में वह शांति समझौते का आधार बन सकती है।
पुतिन ने ट्रंप के दूत विटकॉफ का किया बचाव
पुतिन ने ट्रंप के दूत विटकॉफ का बचाव करते हुए कहा कि रूस की ओर उनका झुकाव होने का दावा गलत है। कहा, वह रूस समर्थक नहीं हैं। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूरोप भविष्य में हमले को लेकर आशंकित है। यह आशंका पूरी तरह से आधारहीन है। अगर यूरोप चाहे तो रूस हमला न करने का वचन दे सकता है।
पुतिन ने यूक्रेन से कही ये बात
पुतिन ने कहा, यूक्रेन में रूसी सेना हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसलिए शांति समझौते से पहले यूक्रेनी सैनिकों को वे स्थान छोड़ देने चाहिए जहां पर कब्जे के लिए भीषण लड़ाई चल रही है। अगर यूक्रेन ने ऐसा नहीं किया तो रूस सेना के इस्तेमाल से उन इलाकों को प्राप्त करेगा।

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