ब्रिटिश जासूसों ने निज्जर हत्याकांड की जानकारी कनाडा को सौंपी थी, डाक्यूमेंट्री में किया गया दावा
ब्रिटिश खुफिया एजेंसी-गवर्नमेंट कम्युनिकेशंस हेडक्वार्टर्स (जीसीएचक्यू) ने इंटरसेप्ट की गई फोन काल का एक डोजियर कनाडा को सौंपा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जून 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ है।

ब्रिटिश जासूसों ने निज्जर हत्याकांड की जानकारी कनाडा को सौंपी थी (फाइल फोटो)
पीटीआई, लंदन। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी-गवर्नमेंट कम्युनिकेशंस हेडक्वार्टर्स (जीसीएचक्यू) ने इंटरसेप्ट की गई फोन काल का एक डोजियर कनाडा को सौंपा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जून 2023 में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ है।
कॉल इंटरसेप्ट करने से आशय फोन पर बातचीत कर रहे व्यक्तियों के वार्तालाप को उनकी अनुमति के बगैर किसी तीसरे पक्ष द्वारा चुपके से सुनना या रिकार्ड करना है।
ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स के वृत्तचित्र 'इनसाइड द डेथ्स दैट राक्ड इंडियाज रिलेशंस विद द वेस्ट' में बताया गया है कि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने कुछ फोन काल इंटरसेप्ट की थी, जिनमें कथित तौर पर तीन निशानों (टारगेट) पर चर्चा की जा रही थी।
इसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने तीन संभावित लक्ष्यों पर चर्चा की थी-निज्जर, (अवतार ¨सह) खंडा और (गुरपतवंत सिंह) पन्नू। बाद में इस बारे में बातचीत हुई कि निज्जर को कैसे सफलतापूर्वक खत्म किया गया।
निज्जर एक कनाडाई सिख था, जिसे भारत ने 2020 में खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया था। वह कथित तौर पर उन नामों में शामिल था, जिनकी जानकारी ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच 'फाइव आइज' खुफिया साझेदारी समझौते के तहत कनाडाई अधिकारियों को सौंपी गई थी।
डाक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि निज्जर हत्या मामले की जांच में 'महत्वपूर्ण प्रगति' तब हुई थी, जब ब्रिटेन को प्रासंगिक जानकारी प्राप्त हुई थी।
डाक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि ब्रिटिश खुफिया जानकारी कड़े नियमों के तहत साझा की गई थी। इसे हाथ से ओटावा (कनाडा की राजधानी) तक पहुंचाया गया था। इसे किसी भी इलेक्ट्रानिक सिस्टम पर अपलोड नहीं किया गया और लंदन द्वारा पूर्व-स्वीकृत कुछ चुनिंदा कनाडाई अधिकारियों को ही इसे देखने की अनुमति दी गई थी।

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