'लग्जरी लाइफ, फॉरेन ट्रिप और पैसा ही पैसा...', सोशल मीडिया पर चल रहा रैकेट; निशाने पर Gen-Z
डिजिटल अपराध गिरोह युवाओं और खासकर जेन-जी को ड्रग तस्करी के लिए निशाना बना रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम और टेलीग्राम का उपयोग करके उन्हें महंगे उपहारों, विदेश यात्राओं और रातोंरात अमीर बनने के सपने दिखाकर फंसाया जाता है। यह रैकेट दुनिया भर में सक्रिय हैं और सख्त कानूनों के बावजूद तस्करों के लिए युवाओं तक पहुंचना आसान हो गया है।

युवाओं को लालच देकर बनाया जा रहा ड्रग तस्कर। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 19 साल की ब्रिटिश युवती बेला कुली जॉर्जिया में 12 किलो गांजा और 2 किलो हशीश के साथ पकड़ी गईं। बेला यह ड्रग थाईलैंड से लेकर गईं थीं। ड्रग तस्करी के आरोप में बेला को 6 महीने की जेल की सजा सुना दी गई। हालांकि, यह सिर्फ एक मामला नहीं है, ड्रग तस्करी के ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें युवाओं को शिकार बनाया जा रहा है।
दरअसल डिजिटल अपराध करने वाली गैंग ड्रग तस्करी के लिए युवाओं को अपने जाल में फंसा रहीं हैं। उनके निशाने पर ज्यादातर जेन-जी हैं, जो कम समय में अमीर बनने सपना देख रहे हैं।
रातोंरात अमीर होने का लालच
सोशल मीडिया के जमाने में जेन-जी के ज्यादातर युवा लग्जरी लाइफस्टाइल और दिखावे की जिंदगी जीना पसंद करते हैं। ऐसे में उन्हें महंगे गिफ्ट, विदेश यात्राएं और ढेर सारे पैसों का लालच देकर ड्रग तस्करी के रैकेट में फंसा लिया जाता है।
युवाओं तक कैसे पहुंच रहा गैंग?
अब सवाल यह है कि ड्रग तस्कर युवाओं तक पहुंचते कैसे हैं? तो इसका जवाब है सोशल मीडिया। जी हां, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम से जैसे ऐप के जरिए युवाओं को बहकाया जाता है, उन्हें रातोंरात अमीर बनने का सपना दिखाकर ड्रग तस्करी करवाई जाती है।
विदेश जाने वाले युवाओं को मिलता है ऑफर
ड्रग तस्करी का यह रैकेट दुनिया के कई देशों में चल रहा है। खासकर दुबई में युवाओं को आसानी से टारगेट किया जाता है। वीकेंड पर दुबई घूमने गई एक 22 वर्ष की युवती काया ने बताया कि उसे 4 बार ऑफर मिला। तस्करों ने उसे 'छोटे पार्सल' साथ ले जाने को कहा गया और उसे बहकाने की कोशिश की गई कि कस्टम में इसकी चेकिंग नहीं होती है।
सख्त कानून की जरूरत
कई देशों में ड्रग तस्करी को लेकर सख्त कानून हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने भी ड्रग्स से जुड़े अपराधों पर कड़ी सजा देने की चेतावनी जारी की है। मगर, ड्रग तस्कर अब सोशल मीडिया के जरिए युवाओं तक पहुंच बना रहे हैं, जिसके कारण उनतक पहुंचना मुश्किल हो गया है।

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