नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास और केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल और तौर-तरीकों को लेकर एक नई सकारात्मक बहस को जन्म दिया है। बेशक एआई ने बीते दो सालों में बाजार में बवंडर ला दिया है लेकिन अभी भी एआई के इस्तेमाल, तकनीक और नियमन को लेकर सभी एक पायदान पर खड़े नहीं दिख रहे हैं। इंडस्ट्री एआई का ताबड़तोड़ विस्तार करने में लगी है लेकिन इसके प्रयोग को लेकर अभी भी तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। एक्सपर्ट मानते हैं कि कुछ सेक्टरों में तो एआई गेमचेंजर साबित होगी तो कुछ सेक्टर में इसे लेकर फिलहाल जल्दबाजी न बरतने की हिदायत भी दे रहे हैं।

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