India Diplomacy: कूटनीतिक मोर्चे पर तत्काल काम शुरू करेगी मोदी सरकार, जानिए Modi 3.0 में क्या रहेगी विदेश नीति
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में रविवार को नई सरकार के कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के शपथ लेने के अगले दिन से ही कूटनीतिक सक्रियता बढ़ने के संकेत हैं। पीएम मोदी सोमवार को अपने तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए विदेशी मेहमानों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके बाद गुरुवार को पीएम मोदी इटली रवाना होंगे जहां समूह-सात (जी-7) देशों के प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में रविवार को नई सरकार के कैबिनेट व राज्य मंत्रियों के शपथ लेने के अगले दिन से ही कूटनीतिक सक्रियता बढ़ने के संकेत हैं। पीएम मोदी सोमवार को अपने तीसरे शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने आए विदेशी मेहमानों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके बाद गुरुवार को पीएम मोदी इटली रवाना होंगे जहां समूह-सात (जी-7) देशों के प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
संभवत: प्रधानमंत्री सिर्फ एक दिन के लिए इटली जाएंगे लेकिन इस दौरान उनकी कई देशों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक संभव है। इटली, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के प्रमुखों से पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर इन देशों के विदेश मंत्रियों से चर्चा हो रही है। इसके बाद पीएम मोदी के 03-04 जुलाई, 2024 को अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुखों की बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है।
इस बार एससीओ सम्मेलन का आयोजन भौतिक हो सकता है
एससीओ की पिछले साल शिखर बैठक नई दिल्ली में आयोजित होना था लेकिन बाद में इसे वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया। कोविड के बाद इस संगठन की शिखर सम्मेलन का आयोजन भौतिक रूप से नहीं हो पाया है। इस साल ऐसा करने की तैयारी है। पिछले साल संगठन का विस्तार किया गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी इस बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। हालांकि इस दौरान नए लोकसभा का सत्र भी शुरू होने की संभावना है।
स्विटजरलैंड में यूक्रेन विवाद पर शीर्षस्तरीय सम्मेलन
इस बीच इस हफ्ते के अंत में स्विटजरलैंड में यूक्रेन विवाद पर शीर्षस्तरीय सम्मेलन है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने स्वयं फोन कर पीएम मोदी को इसमें हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है लेकिन इस बात की संभावना कम ही है। हालांकि भारत की तरफ से एक दल इसमें भेजा जाना तय है। पीएम मोदी के इस शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना, नेपाल के पीएम पुष्प दहल प्रचंड, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिक विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, मारीशस के पीएम प्रविंद जगन्नाथ, भूटान के पीएम शेरिंग तोग्बे और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद आफिफ को खास तौर पर आमंत्रित किया गया था।
नेबरहुड फर्स्ट की नीति पर आगे बढ़ेगा भारत
ये सारे भारत के पड़ोसी देश हैं। यह बताता है कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में भी नेबरहुड फर्स्ट की नीति पर आगे बढ़ा जाएगा। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में विदेश मंत्री रहे एस जयशंकर ने भी कैबिनेट के दूसरे सदस्यों के साथ पद व गोपनीयता की शपथ ली है। देर रात तक अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है लेकिन जयशंकर के विदेश मंत्री के तौर पर ही सेवा देने के पूरे आसार हैं। इससे भी सरकार की विदेश नीति में निरंतरता बनाये रखने के तौर पर देखा जा रहा है।
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