आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के साथ नई ऊंचाईयां छू रहा सोना, इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में एआई के बूम से सोने की डिमांड में साल दर साल हुई 10 प्रतिशत की वृद्धि
सोना सबसे कीमती धातु है और हो भी क्यों न। वक्त बदला तकनीक बदली और दुनिया के देखने का नजरिया भी लेकिन सोने की आवश्यकता और कीमतें समय के साथ-साथ बढ़ती रही। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक दुनिया में कई बड़े बदलाव लेकर आएगी। एआई तकनीक के प्रसार में सोने की भी अहम भूमिका रहेगी।
नई दिल्ली। अनुराग मिश्रा/ विवेक तिवारी । सोना सबसे कीमती धातु है और हो भी क्यों न। वक्त बदला, तकनीक बदली और दुनिया के देखने का नजरिया भी लेकिन सोने की आवश्यकता और कीमतें समय के साथ-साथ बढ़ती रही। इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि सोने के साथ काम करना बहुत आसान है, इसलिए यह समय के साथ कई तरह के उत्पादों का केंद्र रहा है। चीनियों ने 2,500 ईसा पूर्व से चेचक और त्वचा के अल्सर के इलाज में सोने का इस्तेमाल किया है, और भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा में सोने का उपयोग संभवतः इसी तरह लंबे समय से हो रहा है। आज, गठिया जैसी सूजन संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए इंजेक्शन में सोने के यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है, साथ ही हृदय शल्य चिकित्सा में स्टेंट सहित प्रत्यारोपण के लिए भी। मौजूदा समय में जिस तकनीक ने दुनिया में हल्ला मचा रखा है वह है आर्टफिशियल इंटेलीजेंस। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक दुनिया में कई बड़े बदलाव लेकर आएगी। एआई तकनीक के प्रसार में सोने की भी अहम भूमिका रहेगी। एआई और तेज गणना करने वाले उत्पादों में बेहद उच्च गुणवत्ता वाले प्रोसेसर का इस्तेमाल होता है। इन प्रोससरों में बिजली के प्रवाह के लिए सोने का इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एआई और बेहद तेज गणना करने वाले एप्लीकेशन्स की मांग के चलते साल के दूसरे क्वाटर में उत्पादों को बनाने के लिए इंडस्ट्री में सोने की मांग भी बढ़ी है। औद्योगिक अनुप्रयोगों में इस्तेमाल होने वाले सोने में तिमाही के दौरान 11% की वृद्धि हुई वहीं अगर हम इलेक्टॉनिक्स इंडस्ट्री की बात करें तो यहां मांग में 14 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक दंत चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाले सोने की मांग में 5 फीसदी तक की गिरावट देखी गई है।