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UP News: पुलिस मुठभेड़ में एक और बदमाश के ढेर होने से फिर गरमाई सियासत

उत्तर प्रदेश में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ को लेकर सियासी तनाव बढ़ गया है। सुलतानपुर में डकैती के दो आरोपी मंगेश यादव और अनुज प्रताप सिंह 18 दिनों में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए। विपक्ष ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और जाति के आधार पर एनकाउंटर का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक दूसरे पर पलटवार किया है।

By Alok Mishra Edited By: Shivam Yadav Updated: Tue, 24 Sep 2024 12:30 AM (IST)
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मायावती ने कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा व सपा दोनों काे नसीहत दी थी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ को लेकर सियासी पारा फिर चढ़ गया है। सुलतानपुर में 28 अगस्त को भरत ज्वैलर्स की दुकान में डकैती की वारदात में शामिल रहे दो बदमाश 18 दिनों के अंतराल में पुलिस मुठभेड़ में ढेर हुए हैं। 

पांच सितंबर को पहले आरोपी मंगेश यादव मुठभेड़ में मारा गया था, जिसके बाद सोमवार सुबह डकैती में शामिल रहे एक और आरोपी अमेठी निवासी अनुज प्रताप सिंह का अंजाम भी वही हुआ। 

अनुज के पिता ने दिया बयान

अनुज के पिता धर्मराज सिंह ने बेटे की मौत के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को कटघरे में खड़ा किया है। मीडिया से कहा कि ‘चलो अखिलेश यादव की इच्छा तो पूरी हो गई। कम से कम ठाकुरों के एनकाउंटर की उनकी इच्छा तो पूरी हो गई। ठाकुर का भी एनकाउंटर हो गया’। 

विपक्ष ने भी फिर एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाए हैं। बीते सात वर्षाें में पुलिस व बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ के आंकड़ों को देखा जाए जो अब तक कुल 208 अपराधी मार गए हैं और उनसे मुकाबदले में 17 पुलिसकर्मी बलिदान हुए। 22 मार्च, 2017 से अब तक 13,059 पुलिस मुठभेड़ में 27,297 अपराधी पकड़े गए, जबकि 7,282 पुलिस की गोली लगने से घायल हुए।

सुलतानपुर में डकैती की घटना में आरोपी अनुज सिंह के विरुद्ध सूरत (गुजरात) में पिछले वर्ष डकैती का एक मुकदमा दर्ज था। इस मामले में वह जमानत पर छूटा था। आरोपी मंगेश यादव की मौत के बाद सपा प्रमुख ने राज्य सरकार व पुलिस पर हमला बाेला था। 

एक्स अकाउंट पर लिखा था कि ‘लगता है कि सुलतानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले मुख्य आरोपी से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और जात देखकर जान ली गई। 

जाति देखकर एनकाउंटर का मुद्दा उठने पर कांग्रेस ने भी पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए भाजपा को घेरने का प्रयास किया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पलटवार किया था। कहा था कि ‘जब कोई डकैत पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो सपा को क्यों बुरा लगता है। सपा शासन में गुंडे-माफिया की समानांतर सरकार चलती थी। अंतर यह है कि पहले पुलिस भागती थी, अब अपराधी भागते हैं’।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा व सपा दोनों काे नसीहत दी थी। पुलिस पर लगे गंभीर आरोपों पर डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा था कि पुलिस ऐसा नहीं करती। पुलिस पूरी तरह से निष्पक्ष होकर कार्रवाई करती है।

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