इस बार सम्मेलन में कई देश हो सकते हैं BRICS में शामिल, नए अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम की घोषणा भी संभव
इस सम्मेलन में कुछ नए देशों के जुड़ने की भी संभावना है। सम्मेलन में मुख्य रूप से ब्रिक्स के विस्तार नए पेमेंट सिस्टम की घोषणा और एनडीबी को मजबूत बनाने पर चर्चा होने की संभावना है। आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए बनाए गए फंड सीआरए में भी सुधार हो सकता है। सम्मेलन में नई रेटिंग एजेंसी री-इंश्योरेंस कंपनी साझा ब्रिक्स करेंसी बनाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है।
एस.के. सिंह, नई दिल्ली। वोल्गा नदी के किनारे बसे रूस के कजान शहर में 22 अक्टूबर से ब्रिक्स (BRICS) का 16वां शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। वैसे तो इस संगठन का उद्देश्य आर्थिक रहा है, लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों में इसका बड़ा महत्व माना जा रहा है। मेजबान देश रूस का ढाई साल से यूक्रेन के साथ युद्ध चल रहा है, चीन यूरोप और अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में उलझा है, और इसी साल संगठन का सदस्य बनने वाला ईरान कभी भी इजरायल के साथ युद्ध में घिर सकता है। ऐसे हालात के बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि ब्रिक्स ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों के बड़े मंच के तौर पर उभर रहा है। इस सम्मेलन में कुछ नए देशों के जुड़ने की भी संभावना है। सम्मेलन में मुख्य रूप से ब्रिक्स के विस्तार, नए पेमेंट सिस्टम की घोषणा और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) को मजबूत बनाने पर चर्चा होने की संभावना है। आपात स्थिति में इस्तेमाल के लिए बनाए गए फंड सीआरए में भी सुधार हो सकता है। अभी तक इस फंड का किसी भी देश ने इस्तेमाल नहीं किया है। इनके अलावा सम्मेलन में नई रेटिंग एजेंसी, री-इंश्योरेंस कंपनी और साझा ब्रिक्स करेंसी बनाने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है।