एस.के. सिंह/स्कंद विवेक धर, नई दिल्ली। दुनिया की नजर इस समय अगले मंगलवार को होने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर है, क्योंकि इसके नतीजे पूरे विश्व को प्रभावित करेंगे। चुनाव प्रचार के दौरान डेमोक्रेट उम्मीदवार उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन प्रत्याशी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी-अपनी भावी आर्थिक नीतियों का भी ऐलान किया है। दोनों ने अमेरिकी नागरिकों को राहत देने और अमेरिका की अर्थव्यवस्था को गति देने की बात कही है, लेकिन इस मंजिल पर पहुंचने के लिए दोनों के रास्ते काफी अलग हैं। अमेरिका के 23 नोबेल पुरस्कार प्राप्त अर्थशास्त्रियों ने कमला हैरिस के तरीके को बेहतर बताया है। हैरिस की नीतियों से 10 वर्षों पर अमेरिका पर 4 लाख करोड़ (ट्रिलियन) डॉलर का कर्ज बढ़ेगा, जबकि ट्रंप की नीतियों से कर्ज 7.8 लाख करोड़ डॉलर बढ़ेगा। जहां तक भारत पर असर की बात है, तो विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव नतीजों से भारत-अमेरिका संबंध खास प्रभावित नहीं होंगे। पिछले एक दशक में अमेरिकी निवेशकों ने भारत के टेक्नोलॉजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी सेक्टर में काफी रुचि दिखाई है। ऐसा लगता नहीं कि कोई राजनीतिक सोच इन कारोबारी फैसलों को बाधित करेगी।

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